Our Story

Rising to the Challenge: Establishing the Gaushala

In 1997, inspired by a vision to help cows, Late Ramprasadji Malpani, Rajendraji Saraf, and Raju Saraf joined forces to establish the Gaushala Kukane.
Recognizing the need for a haven for cows, the founders secured a plot of land for the gaushala. While a generous portion was rocky and uncultivable, their dedication was unwavering.

  • Land Acquisition: Securing a land grant, even if partially barren, demonstrated the commitment to the gaushala’s cause.
  • Overcoming Challenges: The founders acknowledged the difficulties presented by the rocky and infertile land, but didn’t let it deter their vision.
  • Initial Development: Despite the challenges, the construction of the first sheds marked a significant milestone in establishing the gaushala Where Initial Setup . 

"चुनौतियों का सामना - गौशाला के संरक्षण में हमारा अनुभव"

पुलिस आदेश के बाद से कई समय से गोवंश वध के मामले लगातार बढ़ रहे थे। यह स्थिति गौशाला को बहुत परेशानी में डाल दी थी, क्योंकि गोवंश की रक्षा का जिम्मा उस पर आ गया था। इससे गौशाला को अतिरिक्त प्रयास करने पड़े ताकि वह गायों की सुरक्षा और उनकी देखभाल के लिए संपूर्ण तौर पर संरक्षित रह सके। हमारी गौशाला ने इस कठिन समय में आगे बढ़कर कई गोवंशों की सेवा की। हमने गायों के रहने के लिए गोशाला का विस्तार किया, चारा की व्यवस्था की, और उनकी देखभाल सुनिश्चित की। इस प्रयास के फलस्वरूप, आसपास के क्षेत्र के लोगों ने हमारे योजनाओं और प्रयासों की सराहना की। गौ रक्षा के लिए निरंतर सेवा कार्य जारी रखने के लिए, हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है। आपका योगदान हमें गौवंश की देखभाल करने और उनकी रक्षा करने में मदद करेगा।

उद्धार किए गए गायों की संख्या
48%
सहयोग वृद्धि
80%
सेवा कार्य
70%